Tuesday, December 5, 2017

एक पैरा मेरे उपन्यास ‘‘पचकौड़ी’’ से

Novel - Pachakaudi - Novel of Dr ( Miss) Sharad Singh
एक पैरा मेरे उपन्यास ‘‘पचकौड़ी’’ से ...

सब कुछ यथावत चल रहा था कि ठकुराइन की दिनचर्या में पचकौड़ी ने प्रवेश किया। पहले तो ठकुराइन को वह तनिक भी नहीं सुहाया। मैला-कुचैला, भिखारी-सा लड़का। फिर धीरे-धीरे उनके मन में पचकौड़ी के प्रति ममत्व की भावना जाग उठी। उन्हें वह एक निरीह लड़का प्रतीत होने लगा। ठकुराइन को तो पचकौड़ी के रूप में मानो एक खिलौना मिल गया। जीता-जागता, चलता-फिरता खिलौना। उन्होंने उसे कपड़े दिए, खाना दिया और रहने की अनुमति दे दी। पचकौड़ी की दुख भरी कहानी सुन कर ठकुराइन को अपना दुख छोटा प्रतीत होने लगा। उन्हें यह जान कर अचम्भा हुआ कि इस दुनिया में पचकौड़ी जैसे अभागे भी पाए जाते हैं। पचकौड़ी के मन में उठने वाली जिज्ञासाएं ठकुराइन को चौंका देती थीं। उन्हें लगता कि यह लड़का तो एक बार में ही दुनिया के सारे रहस्य जान लेना चाहता है। वह जीना चाहता है। इस दुनिया से लड़ कर जीना चाहता है। उसके भीतर एक छटपटाहट मौज़ूद है लेकिन उसे अपनी छटपटाहट शांत करने का रास्ता नहीं मालूम। .... ठकुराइन ने भरसक प्रयास किया कि उनके और चेतन के संबंधों का गोपन, गोपन ही बना रहे किन्तु एक रात उन्हें ऐसा लगा कि पचकौड़ी ने उन्हें देख लिया है। वह लड़का स्त्री-पुरुष के गोपन संबंधों कें बारे में कितना जानता, समझता है इसका अनुमान उन्हें नहीं था किन्तु इस बात भय अवश्य हुआ कि कहीं पचकौड़ी ने इस बारे में किसी और को बता दिया तो? वे चेतन के जाने के बाद पचकौड़ी के कमरे में पहुंची और उसकी प्रतिक्रिया को टटोलने का प्रयास किया। उन्हें यह देख कर तसल्ली हुई कि पचकौड़ी अभी स्त्री-पुरुष के संबंधों के गणित से अनभिज्ञ है। न उसे वैध संबंधों का ज्ञान है और अवैध संबंधों का।

Wednesday, September 6, 2017

प्रतिष्ठित साहित्यकार दिलबाग विर्क द्वारा मेरे उपन्यास ‘‘कस्बाई सिमोन’’ की समीक्षा

पंजाब के प्रतिष्ठित साहित्यकार दिलबाग विर्क जी ने मेरे उपन्यास ‘‘कस्बाई सिमोन’’ की बहुत विस्तृत, विश्लेषणात्मक एवं बेहतरीन समीक्षा की है। मैं उनकी हृदय से आभारी हूं। 

आप सभी उनके ब्लॉग पर समीक्षा को पढ़ सकते हैं जिसका लिंक है ... 

http://dsvirk.blogspot.in/2017/08/blog-post_30.html

समीक्षा का एक छोटा सा अंश ....

लिव इन रिलेशन की असलियत दिखाता उपन्यास


उपन्यास कस्बाई सिमोन
लेखिका शरद सिंह
प्रकाशक सामयिक प्रकाशन, नई दिल्ली
पृष्ठ – 208
कीमत – 150 /- ( पेपरबैक )

सेकेंड सेक्स की लेखिका सिमोन द बोउवार का जन्म पेरिस में हुआ | सिमोन ने और भी किताबें लिखी | उसने अपने प्रेमी ज्यां पाल सार्त्र के विवाह प्रस्ताव को ठुकरा दिया, लेकिन उसके साथ रही | इतना ही नहीं, उसके साथ रहते हुए दूसरे पुरुष से प्रेम भी किया | वह स्त्री स्वतन्त्रता की प्रबल समर्थक थी | उसका कहना था कि औरत को यदि स्वतन्त्रता चाहिए तो उसे पुरुष की रुष्टता को अनदेखा करना ही होगा | ’ सुगंधा भी इसी जीवन दर्शन को अपनाती है | उसके लेख भी नारी स्वतन्त्रता की बात करते हैं | सुगंधा नायिका है शरद सिंह के उपन्यास कस्बाई सिमोन की | सिमोन पेरिस में रहती थी, जबकि सुगंधा जबलपुर और सागर जैसे कस्बों में, इसलिए वह कस्बाई सिमोन है |

   ‘कस्बाई सिमोननामक उपन्यास फ्लैश बैक तकनीक में लिखा गया है | इस उपन्यास को सात अध्यायों में विभक्त किया गया है, लेकिन पहले शीर्षक का कोई नाम नहीं | दरअसल इसकी शुरूआत अंतिम अध्याय का हिस्सा है | सुगंधा रितिक को सोचते हुए अतीत में उतरती है | वह अपने बारे में भी रितिक के दृष्टिकोण से सोचती है

क्या मैं सचमुच वैसी हूँ, जैसा रितिक कहता है, ‘किसी भी पुरुष को देख कर लार टपकाने वाली ’?” ( पृ. -14 )

सुगंधा इस स्थिति में पहुंची हुई है कि जब भी किसी पुरुष को देखती है या किसी पुरुष के ताप को अनुभव करना चाहती है तो उसकी तुलना रितिक से करती है | बकौल सुगंधा

कभी-कभी तुलना इस सीमा तक जा पहुंचती है कि चुंबन, आलिंगन और काम की सभी कलाओं के दौरान वह मेरे और अन्य पुरुष के बीच आ खड़ा होता है, संजोए हुए अनुभव बनकर |” ( पृ. – 11 )

सुगंधा अपनी कहानी रितिक से संबंध समाप्त होने के बाद से सुनाना शुरू करती है | विवाह के बारे में वह बताती है

मैंने सोच रखा था कि मैं कभी विवाह नहीं करूंगी | मन के अनुभवों की छाप मेरे मन-मस्तिष्क पर गहरे तक अंकित थी | उसे मैं चाह कर भी मिटा नहीं सकती थी |” ( पृ. – 13 )

इसी छाप को मन पर संजोए उसकी मुलाक़ात रितिक से होती है, हालांकि दफ़्तर में कीर्ति के दबंग पति को देखकर शादी फायदे का सौदा भी लगती है, लेकिन यह बात उसका विचार नहीं बदलती |

पूरी समीक्षा पढ़ने के लिए ऊपर दिए लिंक पर जाएं....

Thursday, April 13, 2017

Aadhi Duniya Poori Dhoop ... Drama Book Of Dr (Miss) Sharad Singh



Aadhi Duniya Poori Dhoop ... Drama Book Of Dr (Miss) Sharad Singh
‘आधी दुनिया पूरी धूप’’ डॉ. (सुश्री) शरद सिंह के स्त्री- सशक्तिकरण पर आधारित रेडियो नाटक संग्रह है।

पुस्तक       - आधी दुनिया पूरी धूप

लेखिका     - डॉ. शरद सिंह
प्रकाशन वर्ष - 2006, प्रथम संस्करण
विधा       - नाटक
प्रकाशक    - आचार्य प्रकाशन, 190 बी/10, राजरूपपुर, इलाहाबाद, उ.प्र.

यहां प्रस्तुत है ‘‘आधी दुनिया पूरी धूप’’ का कव्हर, ब्लर्ब, भूमिका र संग्रह से एक नाटक ‘‘भविष्य का आधार’’ ........

‘‘आधी दुनिया पूरी धूपडॉ. ( के 
Aadhi Duniya Poori Dhoop ... Drama Book Of Dr (Miss) Sharad Singh


''Aadhi Duniya Poori Dhoop'' is a radio-Dramas collection of Dr. (Ms.) Sharad Singh which is based on the woman's empowerment.


Book - Aadhi Duniya Poori Dhoop 

Writer - Dr. Sharad Singh 
Publishing Year - 2006, First Edition

Mode – Drama
Publisher – Acharya Prakashan, 190 B/ 10, Rajrooppur, Allahabad (U.P.)

Here is the cover, Blurb and some pages with a Drama "Bhavishya ka Aadhaar" of the famous book 'Aadhi Duniya Poori Dhoop' ....
 
Aadhi Duniya Poori Dhoop ... Drama Book Of Dr (Miss) Sharad Singh

Aadhi Duniya Poori Dhoop ... Drama Book Of Dr (Miss) Sharad Singh

Aadhi Duniya Poori Dhoop ... Drama Book Of Dr (Miss) Sharad Singh

Aadhi Duniya Poori Dhoop ... Drama Book Of Dr (Miss) Sharad Singh

Aadhi Duniya Poori Dhoop ... Drama Book Of Dr (Miss) Sharad Singh

Aadhi Duniya Poori Dhoop ... Drama Book Of Dr (Miss) Sharad Singh

Aadhi Duniya Poori Dhoop ... Drama Book Of Dr (Miss) Sharad Singh

Aadhi Duniya Poori Dhoop ... Drama Book Of Dr (Miss) Sharad Singh

Aadhi Duniya Poori Dhoop ... Drama Book Of Dr (Miss) Sharad Singh

Aadhi Duniya Poori Dhoop ... Drama Book Of Dr (Miss) Sharad Singh

Aadhi Duniya Poori Dhoop ... Drama Book Of Dr (Miss) Sharad Singh

Aadhi Duniya Poori Dhoop ... Drama Book Of Dr (Miss) Sharad Singh

Aadhi Duniya Poori Dhoop ... Drama Book Of Dr (Miss) Sharad Singh

Aadhi Duniya Poori Dhoop ... Drama Book Of Dr (Miss) Sharad Singh
Aadhi Duniya Poori Dhoop ... Drama Book Of Dr (Miss) Sharad Singh, Flap-2
Aadhi Duniya Poori Dhoop ... Drama Book Of Dr (Miss) Sharad Singh, Flap-1